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Mauryan emperor Ashoka Samrat|| 🩸अशोक सम्राट की जन्म जयंती हमारे देश में नहीं मनाई जाती है !!

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    🩸अशोक सम्राट की जन्म जयंती हमारे देश में नहीं मनाई जाती है !! मैं बहुत सोचता हूं पर उत्तर नहीं मिलता मिलेगा कहा से जब पहले वामपंथी पार्टियों ने हिंदू नीचा दिखाने की कसम जो खाई है !! 🩸जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार "#महान" शब्द लगाते है !! 🩸१-> जिस सम्राट का राज चिन्ह "#अशोक_चक्र" भारतीय अपने ध्वज में लगाते हैं !! 🩸२-> जिस सम्राट का राज चिन्ह "#चारमुखीशेर" को भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाते हैं, और "#सत्यमेवजयते" को अपनाया है !! 🩸३-> जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर "#अशोक_चक्र" दिया जाता है  !! 🩸४-> जिस सम्राट के पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जो "#अखंड_भारत" (जो आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो !! 🩸५-> सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई। जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशीला, कंधार आदि विद्यालय प्रमुख थे। इन्हीं विश्वविद्यालयों

सरकारी सिस्टम से नाराज होकर ढाबे वाले ने किया ढाबा बंद, फिर चुनाव में उसी मेयर को हरा कर जीत का परचम लहराया

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  आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दमनप्रीत सिंह छोटा सा ढाबा चलाते थे। उन्होंने इन चुनावों में वार्ड नंबर 17 से चंडीगढ़ के मौजूदा मेयर रविकांत शर्मा को 828 वोटों के अंतर से हराया।  चंडीगढ़ नगर निकाय चुनावों (Chandigarh Nagar Nigam Election) का रिजल्ट बड़े उलटफेर से भरा रहा। पहली बार नगर निगम चुनाव के मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने कई दिग्गज चेहरों तक को चौंका दिया। निकाय चुनावों में सबसे बड़ा उलटफेर वार्ड नंबर 17 में देखने को मिला, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार दमनप्रीत सिंह ने भाजपा के मेयर रविकांत शर्मा को 828 बोटो से मात दे दी। दिलचस्प बात है कि दमनप्रीत खुद ढाबा चलाते थे।  दमनप्रीत ने बातचीत में बताया कि, वह ‘सरदार जी दा ढाबा’ नाम से चंडीगढ़ में एक छोटा सा ढाबा चलाते थे। इसे उन्हें बंद करना पड़ा, क्योंकि उन्हें नगर निगम द्वारा परेशान किया जा रहा था। दमनप्रीत कहते हैं कि उन्हें हर बार बिना वजह परेशान किया गया। कई बार नगर निगम के मेडिकल ऑफिसर ऑफ़ हेल्थ (MOH) से मेरे खिलाफ चालान जारी कर दिया जाता था तो कभी किसी दू